उजबक की 'मैटीरियल हो बे !' पढ़ कर आज खत्म की । कहानी अरुण की है , अरुण की असफलता की है और अरुण की लक्ष्य की हैं । पुस्तक की रिलीज होने से पहले एक अंश पढ़ा था तभी से सोच रखा था कि इसे पढ़ना हैं , अरुण को पढ़कर ऐसा लग रहा … पढ़ना जारी रखें मैटीरियल हो बे ! – उजबक
दोज़खनामा – रबिशंकर बल
दोज़ख़नामा बिल्कुल एक नई शैली में लिखी हुई क़िताब हैं , ये किताब सहादत हसन मंटो और मिर्जा ग़ालिब के बीच की बातचीत भी हैं , इन दोनों की जीवनी भी हैं और क़िस्से - कहानियां - ग़ज़लें - अफसानों का सच भी हैं ।ग़ालिब - मंटो के अलावा ये तबस्सुम की भी कहानी हैं … पढ़ना जारी रखें दोज़खनामा – रबिशंकर बल
Into the wild 【2007】
‘मेरे पास एक आईडिया हैं पता हैं मेरी मॉम इकलौती औलाद थी और मेरे डैड भी इकलौते थे और मैं भी उनका इकलौता बेटा था तो मेरे गुजरने के बाद हमारी पीढ़ी का अंत हो जायेगा , मेरा परिवार खत्म हो जायेगा देखो अगर मैं तुम्हें गोद ले लूँ तुम्हें इतराज तो नहीं होगा मैं … पढ़ना जारी रखें Into the wild 【2007】
मैं अब भी खड़ा हूँ
आकाश अगर ख़्वाब था जमीन अगर जिम्मेदारी थी तो सामने सिर्फ तुम थी न तो मैं उड़ सका न तो मैं चल सका मैं सिर्फ खड़ा रहा और सामने सिर्फ सामने देखता रहा मैं सामने देखता रहा तब तक जब तक की एक रेत की गुबार न उठी और सबकुछ शांत न हो गया … पढ़ना जारी रखें मैं अब भी खड़ा हूँ
मैंने देखा हैं
मैंने देखा हैं माँ को मैंने देखा हैं मेरे छत से दिखते पहाड़ को नजदीक जाकर मैंने देखा हैं गंगा में उतरकर माँ गंगा को मैंने देखा हैं गमले में दीदी के द्वारा लगाये घृतकुमारी को मैंने देखा हैं वेंटिलेटर में रहते छोटे गौरये को मैंने देखा हैं शिव के उस पहाड़ में मौजूद झरने … पढ़ना जारी रखें मैंने देखा हैं
घरवापसी- अजीत भारती
अजीत भारती की 'घरवापसी' पढ़ कर खत्म की है, थोड़ा सा प्रेरित भी महसूस कर रहा हूँ, कुछ किताबें होती है जो आपको हल्का सा टच कर जाती है, 'घरवापसी' भी उनमें से एक है। उपन्यास के तीन मुख्य पात्र है मास्टरजी, रवि और बेगूसराय का एक गाँव। तीनों मुझे उपन्यास से जोड़ने में सफल … पढ़ना जारी रखें घरवापसी- अजीत भारती
वजूद फिल्म
आज मुझे ये जाहिर करते हुए बहुत ख़ुशी हो रही है की दुनिया का मै सबसे खुशनसीब बाप हूँ। आज मेरा बेटा मिलिट्री ऑफिसर बन गया डॉक्टर बन गया कलेक्टर बन गया मैंने जो जो चाहा था वो सबकुछ बन गया उसकी खबर हर अखबार में छपती है लेकिन उसकी कामयाबी का सेहरा मेरे सर … पढ़ना जारी रखें वजूद फिल्म
जीन-एक बेटी की कहानी
'जीन एडविन ग्राहम' से मिल आया हूँ, अफजल अहमद के द्वारा रचित 'जीन-एक बेटी की कहानी' सिर्फ जीन की कहानी नहीं है, ये कहानी है हमारे समाज की, ये कहानी है संजू के गर्लफोबिया की, ये कहानी है राजन के निःस्वार्थ प्रेम की, ये कहानी है दायरों में बंधी आंसू की, ये कहानी है रोहन-सुमित-ऋषभ … पढ़ना जारी रखें जीन-एक बेटी की कहानी
वेयरवुल्फ नितिन मिश्रा
नितिन सर की ये पहली नॉवेल पढ़ी और ये भी ठीक वैसी ही लगी जैसे नितिन सर के कॉमिक्स पढ़ते हुए लगता है, एकदम कहानी में खो जाने वाली फीलिंग नितिन सर अपने लंबे स्टोरीज के लिए जाने जाते हैं पर इस शार्ट नॉवेल के साथ भी इन्होंने पूरा न्याय किया है, नितिन सर के … पढ़ना जारी रखें वेयरवुल्फ नितिन मिश्रा
हाफ विडो पुनीत शर्मा
बहुत मुश्किल होता हैं जब आप किसी के दुःख के बारे में लिखे और उनके दुःख में शामिल न हो जाये और किसी लेखक के लिए किसी किरदार के लिए दुखी होना सही भी नहीं है, क्योंकि अगर आप किरदार के दुःख में शामिल हो जायेंगे तो आप वो नहीं लिखेंगे जो सही है बल्कि … पढ़ना जारी रखें हाफ विडो पुनीत शर्मा