मैंने देखा हैं

मैंने देखा हैं
माँ को

मैंने देखा हैं
मेरे छत से दिखते
पहाड़ को
नजदीक जाकर

मैंने देखा हैं
गंगा में उतरकर
माँ गंगा को

मैंने देखा हैं
गमले में
दीदी के द्वारा लगाये
घृतकुमारी को

मैंने देखा हैं
वेंटिलेटर में रहते
छोटे गौरये को

मैंने देखा हैं
शिव के उस पहाड़ में मौजूद
झरने को

मैंने देखा हैं
अपने घर के बगल में मौजूद
नीम को

और मैंने देखा हैं
तुमको

‘तुमको’

‘ब्रह्मा केवल
खूबसूरत चीजों का ही
निर्माण करते हैं’

– विकास महतो

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