दोज़खनामा – रबिशंकर बल

दोज़ख़नामा बिल्कुल एक नई शैली में लिखी हुई क़िताब हैं , ये किताब सहादत हसन मंटो और मिर्जा ग़ालिब के बीच की बातचीत भी हैं , इन दोनों की जीवनी भी हैं और क़िस्से – कहानियां – ग़ज़लें – अफसानों का सच भी हैं ।ग़ालिब – मंटो के अलावा ये तबस्सुम की भी कहानी हैं ।

एक आर्टिस्ट ज़िन्दगी जीने के लिए बाहर लड़ता हैं और अपने आर्ट के लिए अपने अंदर । ‘दोज़ख़नामा’ सिर्फ ग़ालिब – मंटो की दास्ताँ नही हैं , ये दास्ताँ हैं कुछ शब्दों का ग़ज़ल हो जाने का , कुछ घटनाओं का किस्सा हो जाने का , कुछ बेरहम हकीकत का चुपचाप अपने साथ कब्र में जाने का …रचनाकार मित्र , लेखक मित्र इसे जरूर पढ़ें।

टिप्पणी करे